Monday, March 02, 2009

और मैनें लाटरी टिकट खरीदा

और मैनें लाटरी टिकट खरीदा

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नित्य प्रतिदिन बनते

देख लोगों को लखपति,

टोरंटो शहर की लाटँरी "लोटो"

मुझे भा गयी

अपनी सोई किस्मत को

जगाने के लिये मैने भी

कुछ डालँरों की

कुर्बानी दे ही डाली !


लाटरी खरीदते ही

हम तो जनाब

डगमगाने लगे,

अपने कदमों को

जमीन की जगह

हवा में पाने लगे !


लाटरी की महिमा

आँखो में छाने लगे,

लखपति बनने के सपने

पलक झपकते ही आने लगे !


कल्पनाओं के सितारे

तुरंत ही झिलमिलाने लगे,

और लखपतिओं वाले

स्वप्न दिखाने लगे !


सपनों के महल शीघ्र ही

खडे होने लगे,

और हम यूँ ही

डालँर लूटाने लगे !


लखपति बनने की

तैयारी करने लगे,

और घर आँगन को

हम सवाँरने लगे !


शनिवार को निकलेगा

परिणाम ये सोच,

बजरंगबली और शनिदेव

दोनों को मनाने लगे

और हम अब रोज शाम

मंदिर जाने लगे !


ख्यालों - खवाबों मे हम

डूबकी लगाने लगे,

आफिस में इस्तीफे के

सपने भी आने लगे !


गाडी के माडाँल भी

पसंद करने लगे,

फार्महाउस तो हम

सपनों मे ही खरीदने लगे !


हम लखपतिओं वाली

अदा भी दिखाने लगे,

और अपने को खानदानी

रईस बताने लगे !


हम लाटरी निकलने का

इन्तजार करने लगे,

कल्पनाओं को हकीकत में

बदलते देखने लगे !


आज तो है प्रभु का दिन

नंबर भी डाले थे

छ: के छ: अपने प्यारे,

फिर काहे नही आयेंगे

सितारे साथ हमारे,


अब तो महज दोस्तों

औपचारिकता ही है बाकी,

लखपति 'अमित' तो

आपके सामने ही खडा है,


आखिर एक पल की

नींद ही तो आनी रह

गयी है बाकी !!


अमित कुमार सिंह

1 comment:

Udan Tashtari said...

बहुत सही!!

649 हो या Super 7-जो भी खेलो, आप जीतो-यही शुभकामनाऐं. :)