दीवाने सनम
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बार बार घडी देख कर
बहाने ना बनाओ,
घूमने नहीं चलना है
तो यू न मुझे बनाओ !
हैलो - हैलो मिस्टर तुम यू
न मुझे सपने दिखाओ,
शापिंग करने चलते
हो तो बताओ !
यू ना आने वाली तेरी
मीठी -मीठी बातों मे सनम,
गहनें दिलाते हो तो
अपनी बातें सुनाओ !
आँखों मे बसे हो की
धुन न मुझे सुनाओ,
फोटो खिंचने के लिये
कैमरा तो पहले दिलाओ !
अरे ओ दिवाने सनम
दिल में रहने की बातें कर,
समय ना बिताओ
मेरे रहने के लिये पहले
घर तो एक बनाओ !
तुम दिवानों की बातें हैं
बडी ही निराली,
जेब है खाली और
अदा है शहंशाहों वाली !
सपने तो सनम तेरे
होते हैं बडे सुहावने,
कडी जिन्दगी की सच्चाई
पर सुने ना कोई बहाने !
बातें सुन ये मेरी
स्वार्थी न समझना,
हकीकत बता रही हूँ जिन्दगी की
गलत ना समझना !
बहुत हो गये गिले - शिकवे
बहुत हो गयीं 'किरन' शिकायतें,
अब तो मुझे बस यही है कहना
चाहे जो भी हो मुझे तो बस
'अमित' तेरे संग ही है रहना !!
अमित कुमार सिंह
2 comments:
यू ना आने वाली तेरी
मीठी -मीठी बातों मे सनम,
गहनें दिलाते हो तो
अपनी बातें सुनाओ !
क्या बात है अमितजी बहुत खूब
बहुत हो गये गले शिकवे
बहुत हो गयीं 'किरन' शिकायतें,
अब तो मुझे बस यही है कहना
चाहे जो भी हो मुझे तो बस
'अमित' तेरे संग ही है रहना !!
बहुत सुंदर !!!!
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