फादर कामिल बुल्के
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सादगी और ओज था
चेहरे पर उनके अद्भुत तेज था
जन्म से थे वो एक परदेशी
पर हिन्दी और हिन्दोस्तानियत में
थे वो बिल्कुल देशी
सन्त और समाजसेवी
फादर कामिल बुल्के थे
एक सच्चे हिन्दी प्रेमी और सेवी !
सरहदें रोक न सकीं जिनको
भारत का प्यार
खींच लाया था उनको
एक ईशा का भक्त
बन गया था रामकथा का
अन्वेषक और
'तुलसी' का पुजारी !
पढ रामचरित मानस
हुये वो भाव विह्वल
लगा दिया उन्होने
हिन्दी और राम में
अपने जीवन का
एक - एक पल !
हिन्दी की मृदुलता ने
मोह लिया जिस
फ्लेमिश का दिल
दिया उसने हिन्दी को
तोहफा एक अनमोल
कहते हैं जिसे
अंग्रेजी - हिन्दी शब्दकोश !
ममता और दयालुता
से भरा विशाल हिर्दय था
सबकी मदद के लिये
हमेशा तत्पर रहने वाला
उनका 'अमित' व्यक्तित्व था !
हिन्दी भाषियों को
हिन्दी का सम्मान
करना सीखा गये,
सन्त महापुरुष 'कामिल बुल्के' जी
हम हिन्दुस्तानीयों पर अपनी
एक अमिट पहचान छोड गये !!
अमित कुमार सिंह
कनाडा
4 comments:
बहुत सुन्दर भाव!! बढिया रचना है बधाई।
फादर बुल्के की सही पहचान को उकेरने मे आप पूरी तरह से सक्षम हुये है .......एक बेहद खुब्सूरत रचना!फादर बुल्के के योगदान को नही भुलाया जा सकता!
nice loveshayari in hindi
So creative bro
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