अफवाह-एक सच
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अफवाहों पे ध्यान दो
है बडे काम की चीज
बिन पैसे खर्चे
फैलाये खबर सबके बीच
अफवाहों पर
करो भरोसा,
हमेशा समझो
इसे सच
सुन इसे करो
अपनी मनमानी
क्या सही, क्या गलत?
ये सोचना होगी
बिल्कुल नादानी
पूरा करो
इसका उद्देश्य,
भले बिखरे इससे
सारा देश-वेश
आओ मिल कर
करें तोड-फोड और
जम कर फैलायें हिंसा,
आखिर यही तो
हम चाहते हैं,
अफवाहों को
सच जो मानते हैं
लेकिन आज अगर हम
इन पर ध्यान देंगे,
तो कल देशद्रोहियों को
मौका मिल जायेगा,
वो तो अपना काम कर
निकल जायेंगे,
और हम बाद में
केवल पछताते
ही रह जायेंगे
ये नहीं है एक
'अमित' अफवाह,
इसे सच तुम मानो
और अफवाहों को
अफवाह के रुप में
ही तुम जानो
सदा अफवाहों को
एक कान से होकर
दूजे से निकल जाने दो,
बात ये मेरी अब
दोस्तों तुम मानों
अमित कुमार सिंह
1 comment:
आप लेखक कवि या आम व्यक्ति है
अगर लेखने की करते भक्ति हैं
तो लिखते जाइए राष्ट्रा भाषा में
हिन्दी में बड़ी शक्ति है ।
NishikantWorld
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