Amit Ki Duniya
Welcome !! In the World of Amit's Paintings and Hindi Poems.
Monday, February 05, 2007
लाईफ्
फुलों से हॅसते खिलखिलाते हो तुम,
कोयल से गुनगुनाते हो तुम,
दोस्तों की दोस्त,
'लाईफ' कहलाते हो तुम |
अरे ओ मेरे दोस्त 'लाईफ'(तोम्बिसना)
तुम कभी न बदलना,
सदा यूँ ही गुनगुनाते,
हॅसते और मुस्कुराते रहना ||
अमित कुमार सिंह
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