नव बर्ष का सन्देश
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नये वर्ष का सूरज चमका
लेकर आया नया सबेरा |
पेड पौधो ने भी अपनी
बाहँ पसारी
करने के लिये
नव वर्ष का अभिनंदन |
बह रहा है पवन भी
देखो लेकर एक नई उमंग |
शांत समन्दर भी मचल उठा है
बन कर एक तरंग |
पशु पक्षियों ने भी घोला
वातवरण मे मधुर गीत-संगीत |
फूलों ने खूशबू बिखेर
फैलाया चंहु ओर आनदं ही आनदं |
फैला अन्तर्मन मे
एक दिव्य ज्योति,
घुला जीवन में एक
मधुर रस,
नये साल के स्वागत मे
तुम भी हे मानव!
लग जाओ अब बस |
मिटा हिंसा को
फैला कर मानवता का सन्देश,
प्रकट करो तुम भी
अपनी 'अभिव्यक्ति',
अपना कर नव बर्ष का
ये पावन उद्देश्य ||
अमित कुमार सिंह
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